Wednesday 20 August 2014

DHARTI PAR IK CHAND....


1 comment:

  1. धरती पर इक चाँद उतरते देखा है
    पगडंडी से उसे गुज़रते देखा है
    उसका आँचल जब भी हवा में लहराया
    मौसम को भी आहें भरते देखा है
    हाल तो पूछें चल कर हम आईने का
    आईने मे उसे सँवरते देखा है
    दिल के जैसी धड़कन है हर पत्थर में
    जिन राहों से उसे गुज़रते देखा है
    प्यार बहुत आता है उसकी बातों पर
    बातों से जब उसे मुकरते देखा है
    आओ चलकर उससे बातें करते हैं
    जिससे उसको बातें करते देखा है ।
    सिमट सिमट कर जब वो अदा से चलती है
    क़दम क़दम पर उसे बिखरते देखा है ।

    khaalish roomaani ghazal hai sir. Har manzar khoobsoorat khinchaa hai aapne, Dili daaad qubule'n

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