खुद अपने आप से लेना था इंतकाम मुझेमैं आपने हाथ के पत्थर से संगसार हुआ हर इक शेर लाजवाब है सर बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दाद कुबूल फरमाये
खुद अपने आप से लेना था इंतकाम मुझे
ReplyDeleteमैं आपने हाथ के पत्थर से संगसार हुआ
हर इक शेर लाजवाब है सर बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दाद कुबूल फरमाये