Monday 8 September 2014

GALE KA HAAR HUWA.....


1 comment:

  1. खुद अपने आप से लेना था इंतकाम मुझे
    मैं आपने हाथ के पत्थर से संगसार हुआ

    हर इक शेर लाजवाब है सर बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दाद कुबूल फरमाये

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